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Saturday, November 9, 2013

प्रेम हाइकु 2

महकाना  पुरे चमन  को
तुमसे सीखी हैं ये कलियाँ
रस से भरना स्वम को
तुमसे सीखी है  ये फलियां //

तुमने बनाया झरने को नीडर
पंख दे हवा को बनाया तूफ़ान 
हर दिल को तूने सींचा ऐसे 
बगिया हो चला है , रेगिस्तान// 

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