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Sunday, September 1, 2013

गुलाब और तुम

कई रंग देखे ,कई रूप देखे
और देखें मैंने कितने गुलाब
कई हंसी देखे,देखी कितनी मुस्कुराहटें
मगर नहीं देखा तुमसा शबाब //
(अपने मित्र अजेशनी के लिए ,चित्र में फोटो उन्ही का है )

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