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Monday, November 5, 2012

ख्वाहिशों के आसमान में



मैंने
ख्वाहिशों के आसमान में
अपने दिल की कूची से
तुम्हारी मुस्कुराहटों  का रंग लेकर
इन्द्रधनुष बनाने की कोशिश की थी

पर ...
तुम्हारी एक ' ना'  ने
कूची के दो टुकड़े क्र डाले.//

मैं
कोशिश करता रहूंगा
तुम्हारी ना को हाँ में
बदलने तक  //
.

22 comments:

  1. कोशिश करता रहूंगा
    तुम्हारी ना को हाँ में
    बदलने तक


    mm very positive:)

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  2. एक नज़र में चेहरे की सुर्खी, मदहोश कर देती है..
    इसलिए दूसरी नज़र में कोई,दर्द की लकीरें नहीं गिनता !!

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  3. आपकी उम्दा पोस्ट बुधवार (07-11-12) को चर्चा मंच पर | जरूर पधारें |
    सूचनार्थ |

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  4. लगे रहने का नाम ही जीवन है..

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  5. भावो को संजोये रचना......

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  6. लगे रहो सफलता जरूर मिलेगी,,,,

    बहुत बढ़िया उम्दा प्रस्तुति,,,,,
    RECENT POST:..........सागर

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  7. बेहद उम्दा रचना :)

    कूची के दो टुकड़े क्र डाले.// इसमे "क्र" को "कर", ...कर लें.


    आपके ब्लॉग पर आकर काफी अच्छा लगा।मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत हैं।अगर आपको अच्छा लगे तो मेरे ब्लॉग से भी जुड़ें।धन्यवाद !!

    http://rohitasghorela.blogspot.in/2012/11/blog-post_6.html

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  8. आशावादिता एक सकारात्मक सोच को जगाती हुई रचना बहुत बधाई

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  9. waah.......bhagwaan puri kare aapki har ichha ...

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  10. ख्वाहिशों के आसमान में
    अपने दिल की कूची से
    तुम्हारी मुस्कुराहटों का रंग लेकर
    इन्द्रधनुष बनाने की कोशिश की थी

    अच्छा बिम्ब है अर्थ सार है .

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  11. बहुत खूब ॥प्रयास जारी रहे

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  12. नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ... आशा है नया वर्ष न्याय वर्ष नव युग के रूप में जाना जायेगा।

    ब्लॉग: गुलाबी कोंपलें - जाते रहना...

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  13. कोमल भावनाओं की पंक्तियां....
    बहुत खूब...

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  14. तुम्हारी मुस्कुराहटों का रंग लेकर
    इन्द्रधनुष बनाने की कोशिश की थी....behad sunder bhaw hain.

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  15. उम्दा प्रस्तुति... ६४वें गणतंत्र दिवस पर शुभकामनाएं...

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  16. बहुत खूब, लाजवाब...
    बाकी कुछ रचनाएं भी पढ़ी, काफी अच्छी लगी
    सादर !

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  17. Hi, i think that i saw you visited my website so i came to “return
    the favor”.I'm attempting to find things to enhance my website!I suppose its ok to use a few of your ideas!!

    Also visit my blog: link

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  18. ख्वाहिशों के आसमान में
    अपने दिल की कूची से
    तुम्हारी मुस्कुराहटों का रंग लेकर
    इन्द्रधनुष बनाने की कोशिश की थी

    पर ...
    तुम्हारी एक ' ना' ने
    कूची के दो टुकड़े क्र डाले.//

    मैं
    कोशिश करता रहूंगा
    तुम्हारी ना को हाँ में
    बदलने तक //
    करत करत अभ्यास के ....

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  19. करत करत अभ्यास के जड़ मति होत सुजान ,रसड़ी आवत जात के ,सिल पे परत निशान .वो आकर्षण ही क्या जो यूं ही छीज जाए .

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  20. वादे टूट जाते हैं पर निरंतर कोशिश को कामयाब होते देर नहीं लगती ,,
    बहुत खूब..

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  21. मैं कोशिश करता रहूँगा तुम्हारी को हाँ में बदलने की :)

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