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Friday, January 27, 2012
मेरी अनुभूति -3
मैंने ...
एक फुद्फुदाती चिड़िया के
इन्द्रधनुषी पंखों पर अपना हाथ रखा
मुझे क्या पता था ...
मेरे हाथ गंदे/वजनी और रूखे हैं
जिसका भार वह सह नहीं सकती //
उसकी फड़फड़ाहट ने
मेरे मन को झकझोरा
यकीन मानिये .....
मेरे अंदर का रावण मर गया //
Saturday, January 21, 2012
तुम बिन कैसा बसंत
Friday, January 20, 2012
मैं तुम्हें हँसने क्यों कहता हूँ ?
Thursday, January 12, 2012
अपील -अन्ना को साथ देने वालों से
भ्रस्टाचार को जड़- विहीन करने से पहले ,तुम्हें सत्य पर चलना होगा
काम, क्रोध ,लोभ ,मोह के चुम्बक से तुम्हें स्वं को हरना होगा
बिगुल फुकने वाले हर नेता को , स्वं उन्हें बदलना होगा
जन-जन को समझाने से पहले , तुम्हें स्वं से लड़ना होगा //
"अयं निजः परो बेति" का बीस-फूल तुम्हें मुरझाना होगा
कदम-कदम ,हर मोड़-मोड़ पर , बिष का प्याला पीना होगा
हर शबरी के घर में जाकर , उसका फल भी चखना होगा
गाँधी बनने से पहले , पहले उन्हें तुम्हें पढना होगा //
काम, क्रोध ,लोभ ,मोह के चुम्बक से तुम्हें स्वं को हरना होगा
बिगुल फुकने वाले हर नेता को , स्वं उन्हें बदलना होगा
जन-जन को समझाने से पहले , तुम्हें स्वं से लड़ना होगा //
"अयं निजः परो बेति" का बीस-फूल तुम्हें मुरझाना होगा
कदम-कदम ,हर मोड़-मोड़ पर , बिष का प्याला पीना होगा
हर शबरी के घर में जाकर , उसका फल भी चखना होगा
गाँधी बनने से पहले , पहले उन्हें तुम्हें पढना होगा //
मेरी अनुभूति -2
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