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Monday, November 21, 2011
जन्म -दिन मुबारक
(मित्रो सुश्री माधवी मिश्रा मेरी संबंधी हैं ,मित्र हैं और सबसे बढ़कर मेरी कविताओं के फैन हैं .... उनका २ दिसंबर को जन्म दिन है .... और मैंने अपने फैन के लिए उनके जन्म दिन के अवसर पर एक छोटी से कविता लिखी हैं ...आशा है आप सभी मित्रों का आशीर्वाद उन्हें मिलेगा )
कृति -पताका सी फहरो
धूमकेतु सी तुम बिचरो
आदित्य-शशि सा तुम माधवी
चमको नभ में हर दिन
मुबारक हो जन्म-दिन //
मानव सेवा है लक्ष्य तुम्हारा
नहीं भूलना जग है प्यारा
आत्म -सात तुम कर लो
मदर - टेरेसा के सब गुण
मुबारक हो जन्म -दिन //
Sunday, November 20, 2011
तुम बिन
Wednesday, November 16, 2011
बसंत आने पर
( बसंत की माया बहुत ही प्रसिद्द है .....देखिये क्या होगा बसंत आने पर )
पत्ता-पत्ता हुआ पल्लवित
फूलों पर बिखरी है आभा
बूढ़ा मन भी युवा हो गया
देख बसंत की माया //
जाग उठी है अब तरुनाई
सुन बसंत की शहनाई
पाकर सुरमई नई कोंपलें
निखर उठी तरुवर की काया //
बूढ़ा मन भी युवा हो गया
देख बसंत की माया //
आ गई रुखसार पर लाली
गाती अब पायल और बाली
सजनी देख साजन मुस्काया
देखकर साली , बहका जीजा //
बूढ़ा मन भी युवा हो गया
देख बसंत की माया //
Monday, November 14, 2011
बिना बसंत नवगीत
Saturday, November 12, 2011
तुमसे हम हैं
Monday, November 7, 2011
मुदिता
(पढने से पहले .... मुदिता शब्द का शाब्दिक होता है - मनोवांछित फल प्राप्त होने पर प्रसन्न नायिका या स्त्री )
जब छाती नभ में बदली
और पवन इठलाती
जब फूलों का गंध सूंघकर
तितली मन ही मन मुस्काती
मुदित मोर को देख मोरनी
जब स्वं प्रफुल्लित हो जाती
जब निशा में पूर्ण शशि
प्रचोदित चांदनी फैलाती
ऐसे दृश्य देख मनोहर
ओ प्रिय ! तुम मुदिता बन जाती //
(यह कविता अभिषेक गुप्ता के अनुरोध पर लिखी गई है )
Sunday, November 6, 2011
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