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Sunday, January 30, 2011

मेरे खुशियों की फैक्टरी


पुष्पित हूँ
पल्लवित हूँ
सुगन्धित हूँ
सुरभित हूँ
तरंगित हूँ
उत्साहित हूँ
गौरान्वित हूँ
उर्जान्वित हूँ
क्योकि.... तुम
मेरे खुशियों की फैक्टरी हो
और मुझमे ऊर्जा भरने वाली
एक मानवीय मशीन //

Friday, January 28, 2011

अनुरोध


सावन के बादलों
रुको यार ....
थोड़ी सी मेहरबानी करो
थोड़ी सी बरस लो
मेरे प्यार की गलियों में
सोख लो धूल
ताकि निकल सके वो
बिना परदे के
और मैं कर सकू
उनका हुस्ने दीदार //

Wednesday, January 26, 2011

कौन नहीं ललचाए


बादल बरसे घनन -घनन
पायल बाजे छनन -छनन
मस्त पवन में बार-बार ,तेरा आँचल उड़ता जाए
देख तुम्हारा रूप कामिनी, कौन नहीं ललचाए //

हर पत्ता बोले टपक- टपक
हर पक्षी गाए चहक -चहक
गिरती जल-बूंदों से, अधरों की लाली बढती जाए
सूंघ तुम्हारा गंध माधुरी , प्रकृति शोर मचाए//
देख तुम्हारा रूप कामिनी, कौन नहीं ललचाए //

आँखे देखें ,टुकुर -टुकुर
लव हिलते है,सुकुर -सुकुर
देख तुम्हारी काली जुल्फें ,नागिन भी शरमाए
मोर-मोरनी बन मेरा मन,चहुँ ओर दौड़ लगाए //
देख तुम्हारा रूप कामिनी, कौन नहीं ललचाए //

Friday, January 21, 2011

कामना


ख्वाहिस है मेरे मन में ,तेरे अंगना मैं आऊं
करके सोलह श्रींगार , तुमको मैं ललचाऊं
काले बादल से रंग मांग कर,काजल मैं पहनुगी
प्यार का तेरा पंख लगाकर ,आँगन में चहकुंगी //

उमड़-घुमड़ कर बदरा सी मैं,प्रेम रस बन बरसूँ
आलिंगन में बंधकर तेरे ,माँ बनने को तरसूँ
दो बच्चो की माँ बनकर, मैं उनके साथ चलूंगी
ममता और वात्सल्य का दीपक बन,तेरे संग जलूँगी //

Tuesday, January 18, 2011

तुम बिन


तुम बिन मेरी अँखियाँ सूनी
और सूनी हैं बाहें
रुक-रुक कर अब लव हिलते हैं
और साँसें भरती आहें //

लौटो भी अब , जल्दी आओ
अंखियों से रस-जादू बरसा दो
अधरों को अधरों पर रख कर
कोई भ्रमर-गीत नया बना दो //

माथे पर सजती तेरी बिंदी
जीवन-पथ आलोकित करती
दुनिया क्या है ,माया है
तेरी कंगना हमसे कहती //

Monday, January 17, 2011

एक औरत का प्रश्न


सच सच और केवल सच
बोलना मेरे सनम
क्या तुमने मेरे सिवा
किसी और को नहीं चाहा
किसी और देहयष्टि को नहीं छुआ
किसी युवा कामिनी के
अधरों की लाली देखकर
तुम्हारी कामुकता नहीं जगी
तुम्हारा हृदय तरंगित नहीं हुआ
तुमने नयन-मटक्का नहीं किया //


बहुत दिनों से
यह प्रश्न रेंग रहा था
मेरे हृदय में
जब से मैंने
कहते सूना था तुम्हें
अपने एक दोस्त से
घर की मुर्गी दाल बराबर
सुनो ....
अगर देखना चाहते हो मुझे सावित्री
तो तुम्हें भी सत्यभान बनना होगा //

Saturday, January 15, 2011

आलिंगन


चंचल चितवन देख तुम्हारा
अब फूल भी भरती आहें
महक उड़े जब तेरे तन की
आलिंगन को तरसे बाहें //

डगर-डगर और खेत-खेत की
हरियाली गीत ख़ुशी की जाएं
कब आओगी,कब आओगी
प्रश्न पूछती मेरे घर की राहें //
आलिंगन को तरसे बाहें //

Thursday, January 13, 2011

मेरी सजनी


अनजान,अपरिचित थी तुम
जब आई थी मेरे आँगन
खोज रहे थे नैन तुम्हारे
प्रेम ,स्नेह का प्यारा बंधन //

जब आँगन में गूंजी किलकारी
खिल उठे चहु ओर कुमुदिनी
प्रेम का बंधन हुआ कुछ भारी
मनभावन,अनुपम मेरी सजनी //

उज्जवल,धवल,कमल सी कोमल
मख्खन सी फिसलन है उर में
जब सुर में गाए लव तुम्हारे
महक उठे धरा और अवनी//
कितनी अच्छी मेरी सजनी



तपती धूप से हमें बचाती
मधुमय यादों की छाया
सागर की लहरों सा झूमे
तेरी नाक की हमदम नथुनी //
कितनी अच्छी मेरी सजनी

तुम्हारी लम्बी काली जुल्फों से
ठिठोली करे पवन बसंती
मुस्कान तेरी है चन्द्र-किरण सी
तेरी हर बातें हैं रूमानी //
कितनी अच्छी मेरी सजनी
(चित्र मेरी पत्नी की है )

Tuesday, January 11, 2011

अंगड़ाई


तुम मुस्काई ऐसे , जैसे मुस्काया टेसू का फूल
मन की पीड़ा और वेदना,देख तुम्हें गया मैं भूल
लाल-लाल कोमल सी अधरे,झरने का गीत सुनाए
सागर की लहरों सी ऊर्जा , देख तुम्हें मिल जाए //

मंद पवन का झोंका क्या लू ,तेरी अंगडाई ही काफी
बिन पिए नशा सा छाया , ओ मेरे जीवन साथी
हिरन सा अब दौडूगा, पक्षी बन नभ में सैर करूंगा
मत घबराना मेरे प्रियतम ,पग -पग साथ चलूँगा //

Monday, January 10, 2011

कजरारे नैन


भौरे ने कली को छुआ
तो वह फूल बन गई
हवाओं ने मिटटी को छुआ
तो वह धूल बन गई
आपकी कजरारी नैनो ने
देखा मुझे इस कदर
कि वह दिल का शूल बन गई //

मैं और तुम


आ गई एक ताजगी
सुर्ख लाल हो गई कपोलें
खिलखिलाने लगी
तुम्हारे लवों की पंखुड़ियां
मेरे आने के बाद //
ठीक वैसे ही
मानो खिलखिलाने लगी
धूल (गर्द) से लिपटे फूल और पत्ते
एक हलकी बारिश के बाद //

Tuesday, January 4, 2011

अफ़सोस

आज देखा आपका जादू
हरी दूब के
सिरों पर बैठा शबनम
मोती बन रहा था
आपके पैरों के स्पर्श से //

मुझे अफ़सोस है प्रिय !
एक बार मैंने तुमसे कहा था
अपने पैर ज़मीन पर मत रखना
गंदे हो जायेगे
अब तो मैं
बिल -गेट्स से भी ज्यादा अमीर हूँ //

Sunday, January 2, 2011

वालेट पे खतरा


महीने की दो तारीख है आज
गर्मजोशी से हाथ मिलाना
खिलखिलाकर हंसना
और एक मदमस्त चुम्बन
पिछ्ला अनुभव बताता है
आज मेरे वालेट पर ख़तरा है //
क्योकि ...
तुम्हारी ये अदाएं
चुम्बक है नोटों के लिए //

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