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Friday, July 4, 2014

हम,तुम और गुलाब

आज फिर
तुम्हारी पुरानी स्मृतियाँ झंकृत हो गई
और इस बार कारण बना
वह गुलाब का फूल
जिसे मैंने
दवा कर
किताबों के दो पन्नों के
भूल गया गया था

और उसकी हर पंखुड़ियों पर
हम-दोनों के बीच
प्यार के गुफ्तगू लिखे थे  

Saturday, November 9, 2013

प्रेम हाइकु 2

महकाना  पुरे चमन  को
तुमसे सीखी हैं ये कलियाँ
रस से भरना स्वम को
तुमसे सीखी है  ये फलियां //

तुमने बनाया झरने को नीडर
पंख दे हवा को बनाया तूफ़ान 
हर दिल को तूने सींचा ऐसे 
बगिया हो चला है , रेगिस्तान// 

Friday, October 25, 2013

2 क्षणिकाएँ

नर्म हवा
गर्म तवा
काम हो जाए फुर्ती
जब गर्म करो मुट्ठी //

नहीं किसी से कम है
महिला एटम बम है
दिख रही  जो गुलाब सी
वह भरी बोतल शराब की //

Sunday, September 1, 2013

गुलाब और तुम

कई रंग देखे ,कई रूप देखे
और देखें मैंने कितने गुलाब
कई हंसी देखे,देखी कितनी मुस्कुराहटें
मगर नहीं देखा तुमसा शबाब //
(अपने मित्र अजेशनी के लिए ,चित्र में फोटो उन्ही का है )

Saturday, July 20, 2013

बेवफा कांटें

प्रत्यक्ष गवाह हैं
ये हरी पत्तियाँ
जब  उन्मादी भवरे
आये थे ...
रस चूसने /फूलों का
ये बेवफा कांटें
दुबक कर
सिर्फ देखते रहे   

Monday, June 3, 2013

मिस कॉल

अजी सुनिए..
आप चली गई ...
कोई बात नहीं
प्लीज़.....
 यादों का मिस कॉल मत भेजिए
क्योकि
मेरा दिल Vibrate  मोड  में आ जाता है //

Monday, November 5, 2012

ख्वाहिशों के आसमान में



मैंने
ख्वाहिशों के आसमान में
अपने दिल की कूची से
तुम्हारी मुस्कुराहटों  का रंग लेकर
इन्द्रधनुष बनाने की कोशिश की थी

पर ...
तुम्हारी एक ' ना'  ने
कूची के दो टुकड़े क्र डाले.//

मैं
कोशिश करता रहूंगा
तुम्हारी ना को हाँ में
बदलने तक  //
.

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